उमर खय्याम (Umar Khayyam) इस्लामिक स्वर्ण युग के एक जाने माने कवि तो थे ही, साथ ही एक दार्शनिक, साहित्यकार, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद भी थे। आज यानी 18 मई को उमर खय्याम की 971वीं जयंती हैं. उनका जन्म 18 मई 1048 को उत्तर पूर्वी ईरान के निशाबुर (अब निशापुर) में हुआ था। खय्याम को कई गणितीय और विज्ञान की खोज के लिये भी जाना जाता है।
कवि के रूप में योगदान
- रुबाइयाँ: खय्याम ने 1000 से अधिक रुबाइयाँ (चौपाइयाँ) लिखीं, जो जीवन की नश्वरता और वर्तमान में जीने की प्रेरणा देती हैं। उनकी रुबाइयों का अंग्रेजी अनुवाद एडवर्ड फिट्जराल्ड ने किया, जिसने उन्हें वैश्विक ख्याति दिलाई।
- केंद्रीय विषय: जीवन की अर्थहीनता में व्यक्तिगत अर्थ की खोज, जिसे उन्होंने प्रतीकों और बिम्बों के माध्यम से खूबसूरती से व्यक्त किया।
- प्रसिद्ध पंक्तियाँ:
“इस पल में खुश रहिए, क्योंकि यही पल आपकी जिंदगी है।”
गणितज्ञ के रूप में योगदान
- क्यूबिक समीकरण: खय्याम ने क्यूबिक समीकरणों का वर्गीकरण किया और उनका आसान हल निकाला, जो उस समय क्रांतिकारी था।
- पास्कल का त्रिभुज: उन्होंने बाइनोमियल गुणांकों के त्रिभुज का पहली बार उपयोग किया, जिसे बाद में पास्कल का त्रिभुज कहा गया।
- अल्जेब्रा: उनकी पुस्तक प्रॉब्लम्स ऑफ अर्थमैटिक में कई नए सिद्धांत दिए गए। उन्होंने द्विघात समीकरणों पर भी महत्वपूर्ण कार्य किया।
ज्योतिष और कैलेंडर
- सौर वर्ष की गणना: उमर खय्याम का अंतरिक्ष और ज्योतिष से खास जुड़ाव रहा. इसी के चलते उन्होंने इन क्षेत्रों में भी काफी काम किया उन्होंने इसी दिशा में काम करते हुए एक सौर वर्ष का दशमलव के छह बिन्दुओं तक पता लगाया (इस खोज से यह पता लगा की एक साल में 365.242250 दिन होता है)।
- जलाली कैलेंडर: उमर खय्याम ने एक सौर वर्ष का दशमलव के छह बिन्दुओं तक पता लगाई. खय्याम ने इस आधार पर एक नए कैलेंडर का आविष्कार किया, जिसे ईरानी शासन ने उस वक्त जलाली कैलेंडर के तौर पर लागू किया. यही जलाली कैलेंडर आज के कैलेंडरों का आधार बना. ये जलाली कैलेंडर आज भी ईरान और अफगानिस्तान में इस्तेमाल किया जाता है।
दार्शनिक और साहित्यकार
खय्याम के दर्शन में जीवन के क्षणभंगुर स्वरूप और वर्तमान का आनंद लेने पर जोर दिया गया। उनकी रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और दुनिया भर में पढ़ी जाती हैं।
निष्कर्ष
उमर खय्याम (Omar Khayyam)एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने ज्ञान के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। उनकी जयंती पर हमें उनके योगदान पर गर्व करना चाहिए। इस जानकारी को अपने दोस्तों और समूहों में साझा करें, ताकि इस महान वैज्ञानिक और कवि की विरासत को और लोग जान सकें।